बीएचयू में कोरोना किट की किल्लत, दो दिन बाद ठप हो सकती है जांच
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वायरोलॉजी प्रयोगशाला में कोरोना जांच के लिए जरूरी आरएनए एक्सट्रैक्शन किट की किल्लत हो गई है। केवल दो दिन जांच लायक किट बचा है। इस दौरान इसकी व्यवस्था नहीं हुई तो बीएचयू में कोरोना की जांच ठप हो सकती है।
वायरोलॉजी प्रयोगशाला के प्रमुख प्रोफेसर गोपालनाथ ने बताया कि जांच ठप हो गई तो सभी संदिग्धों को आइसोलेशन में रखने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं होगा। लैब को थर्मल साइकिलर मशीन मिलने से अब प्रतिदिन 200 जांच करने की क्षमता तो हो गई, लेकिन आरएनए एक्सट्रैक्शन किट की कमी ने हाथ बांध दिया है। कोरोना जांच में उपयोग होने वाले वायल की भी कमी है। यह बाजार में भी उपलब्ध नहीं है।
किल्लत को देखते हुए बीएचयू में कोरोना इंचार्ज प्रोफेसर जया चक्रवर्ती ने अपनी लैब से कुछ किट आईएमएस को दिए हैं। बीते दिनों वारयल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेट्री में कोरोना जांच के लिए दो थर्मल साइकिलर मशीनें स्थापित हुई हैं। इससे इसकी जांच की क्षमता बढ़ी है। पहले यहां प्रतिदिन 30 से 35 जांच ही हो पा रही थी। प्रो. गोपालनाथके अनुसार आरएनए एक्सट्रैक्शन किट समाप्त हो रही है। इसके बिना जांच नहीं हो पाएगी। सक्षम अधिकारियों को सूचना दी गई है। उम्मीद है शीघ्र व्यवस्था होगी।
16 जिलों से आते हैं सैंपल
वायरोलॉजी की प्रयोगशाला में 16 जिलों के कोरोना संदिग्धों के नमूने जांच के लिए आ रहे हैं। तीन सप्ताह पहले प्रयोगशाला में रोज आठ-दस नमूने ही आ रहे थे। अब 80 से 100 जांच प्रतिदिन की जा रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा, आईसीएमआर से संपर्क करें बीएचयू के लैब संचालक
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने कहा है कि बीएचयू लैब संचालक सीधे आईसीएमआर से संपर्क कर सकते हैं। लैब चलाने के लिए किसी भी संस्थान के पास पैसे की कमी नहीं है। संस्थान के प्रमुख राहत आयुक्त द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी जिलों को भेजी गई रकम के तहत जिलाधिकारी से केमिकल व अन्य जरूरी सामान के लिए धन ले सकते हैं।
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में कोरोना वायरस के नमूने की जांच करने वाली किसी भी लेबोरेट्री में टेस्टिंग के लिए केमिकल अथवा किसी अन्य किट आदि की कोई कमी नहीं हैं। शुक्रवार को सभी मेडिकल कॉलेजों विश्वविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूछा गया था कि लैब के संचालन में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। किल्लत की बात किसी ने भी नहीं बताई।